अपने महाकाव्य रामायण के माध्यम से प्रभु श्री राम के पावन जीवन मूल्यों से जन-जन को परिचित कराने वाले ‘आदिकवि’ महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उनके द्वारा रचित महाग्रंथ रामायण समूची मानवता को धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा। उनका योगदान भारतीय संस्कृति और साहित्य में अमूल्य धरोहर के रूप में सदैव जीवित रहेगा।
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