“बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी;
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।”
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अपने अदम्य शौर्य, साहस और पराक्रम से अंग्रेजी सेना को परास्त करने वाली महान भारतीय वीरांगना, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।
उनकी वीरता और बलिदान भारत के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है और हम सभी को राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित करता है।