अतिथि देवो भव: हमारी संस्कृति – हमारी पहचान

 मेरा विश्वास है कि भविष्य में भारत के विकास में पर्यटन उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी | दुनिया के विकसित या विकासशील देशों के मुकाबले भारत में पर्यटन उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं है | हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का ध्येय वाक्य हैवसुधैव कुटुम्बकम” | अतिथियों के लिए हमारा भाव वही होता है, जो देवता के लिए, और इसीलिए हमारे आतिथ्य संस्कार का चिंतन हैअतिथि देवो भव:” |

प्रकृति ने भारत की दिव्य भूमि को अनुपम पारिस्थितिकी (जलवायु) उपहार में दी है जैसे हिमालय शिखर, थार मरुस्थल, गंगा का मैदान, पूर्वी तथा पश्चिमी घाट भौगोलिक विविधता का बेहतरीन संगम आदि | छः ऋतुओं का ऐसा संगम भी सिर्फ यहीं देखने को मिलता है | एक ही समय पर भारत के एक प्रदेश में ठंढ रहती है तो किसी अन्य में गर्मी और कहीं बरसात |

विश्व की पुरातन और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हमारे पास है | दुनियां को आध्यात्म, योग और आयुर्वेद का उपहार भारत ही दे रहा है | सभी धर्मों के अनेकों पवित्र स्थल भारत में है | वर्षभर चलते रहने वाले पर्व-त्यौहार, मेले और कुम्भ जैसा आस्था का जनसैलाब भी यहीं दिखता है | भिन्न-भिन्न भाषा, रंग-रूप और वेश-भूषा के बावजूद भारत की पहचान उसकी एकता से है, जिसे हम स्नेह से भारत माता पुकारते हैं |

आजादी के सात दशक बीतने को है | अब हम विकसित भारत का स्वप्न लिए नए गति से विकास की ओर अग्रसर है |
विकसित देशों की श्रेणी में खड़े होकर उनके साथ कदम-ताल करने के लिए हमें आर्थिक उन्नति के नए आयाम तलाशने की जरुरत है | भारत के आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में पर्यटन एक बेहतर माध्यम बनेगा ऐसा मेरा विश्वास है |

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मुझे पर्यटन, संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है | इन दोनों मंत्रालयों का कार्य परस्पर प्रभावी है | भारतीय संस्कृति और पर्यटन के दूत (एम्बेस्डर) बनकर माननीय प्रधानमंत्री जी स्वयं दुनिया भर में चर्चा कर रहे हैं अकेला पर्यटन भारत की तस्वीर बदलने में सक्षम हैयह शब्द आदरणीय प्रधानमंत्री जी के हैं एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि २०१४-१५ के आंकड़े के अनुसार कुछ देशों के विशेष कारण को छोड़कर प्रधानमंत्री जी ने जिन देशों की यात्रा की है वहां से पर्यटक आगमन बढ़ा है निश्चित रूप से आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज विश्व में भारत, भारतीयता और भारत के लोगों का मान-सम्मान बढ़ है

हमारी सरकार ने पर्यटन तथा संस्कृति मंत्रालय के महत्व को ध्यान में रखते हुए पिछले दो वर्ष में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं | भारत में पर्यटन की विकास दर दुनिया के अन्य देशों से अधिक है। पिछले तीन वर्षों में घरेलू तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या में गुणात्मक परिवर्तन आया है , जिसका विवरण आकड़ो में आप देख सकते है सबसे प्रसन्नता की बात यह है कि पर्यटन से विदेशी मुद्रा अर्जन में दुनिया की वृद्धि दर -5% है जबकि भारत की +4% है। स्वच्छता, सुरक्षा, सत्कार और सुगमता (कनेक्टिविटी) को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है इस दिशा में हम समग्रता से कार्य कर रहे हैं इसके परिणाम भी आने लगे हैं विश्व पर्यटन तालिका में भारत 65 वें स्थान से 52 वें स्थान पर गया है 13 पायदान की प्रगति हम सबके लिए शुभ समाचार है

दुनिया में पहली बार किसी देश ने पर्यटकों के लिए बहुभाषीय टूरिस्ट हेल्प लाइन शुरू की है बारह भाषाओँ में यह हेल्प लाइन पर्यटकों को उसी के भाषा में जानकारी उपलब्ध करवाता है इसकी सेवा निःशुल्क है नंबर है 1800111363 या 1363 इसके साथ ही मोबाईल एप और इनक्रेडिबल इंडिया के वेबसाइट को भी पर्यटकों के लिए और उपयोगी बनाया जा रहा है

इन निर्णयों और सुविधाओं के तत्काल प्रभाव से विदेशी तथा घरेलू पर्यटकों की संख्या में गुणात्मक परिवर्तन आया है, जो कि भविष्य के लिए शुभ संकेत है | यह सच्चाई है कि हमने पर्यटन क्षेत्र को आजादी के सत्तर सालों में गंभीरता से नहीं लिया आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में जो नई सरकार आई उसके प्राथमिकता में रोजगार और महिला सशक्तिकरण है पर्यटन देश की तस्वीर बदलने में सक्षम है। रोजगार, विदेशी मुद्रा अर्जन और महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पर्यटन के माध्यम से भारतीय संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाना हमारा लक्ष्य है